मक्खन का बेटा गुल्ली बल्ब पर कुछ लिख रहा था...
मक्खन के दोस्त ढक्कन ने पूछा....बेटा गुल्ली क्या कर रहा है?
गुल्ली...बहुत ज़रूरी काम कर रहा हूं...चाचा जी....
ढक्कन...क्या ज़रूरी काम बेटा...
गुल्ली...बल्ब पर पापा जी का नाम लिख रहा हूं...
ढक्कन...उससे क्या होगा बेटा...
गुल्ली....ओफ्फो...चाचा जी....इतना भी नहीं समझते...
.................................................................................
.................................................................................
..................................................................................
..................................................................................
.................................................................................
..................................................................................
इससे पापा जी का नाम रौशन हो जाएगा ना... बाबा....