राम मंदिर पर फ़ैसला और करतारपुर कॉरिडोर खुलना एक ही दिन क्यों...खुशदीप
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9 नवंबर 2019
राम मंदिर निर्माण के लिए रास्ता साफ़ होना...
करतारपुर कॉरिडोर का खुलना...
संयोग है कि ये दोनों बातें एक ही दिन, एक साथ हुईं...(30 साल पहले इसी...
4 हफ़्ते पहले
9 टिप्पणियाँ:
apni prarthana si lag rahi hai
वफादार आदमी।
very disciplined
वाह! खुशदीप भाई वाह! बुद्धि और संयम से ही बॉस का काम तमाम,तो फिर ताकत का क्या काम .यह पता ही नहीं चल पायेगा कभी कि क़त्ल कब हो गया और किसने किया.
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (21.05.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
मुझे तो, दोनों दे देना,
जाट देवता से सहमत
“अंटल…अंटल…मैं पास हो गया…लीजिए…मिठाई लीजिए"…
“अरे!…वाह…चुन्नू बेटे…बहुत बढ़िया"…
“अंटल…अंटल…आपने प्रामिस किया था कि अगर मैं पास हो गया तो आप मुझे कंप्यूटर ले के देंगे"…
“हाँ!…बेटा…किया तो था लेकिन…
“कुछ लेकिन-वेकिन नहीं…आपने प्रामिस किया था अब उसे पूरा करो"..
“ओ.के…ओ.के बेटा…बताओ कौन सा कंप्यूटर चाहिए तुम्हें …विन्डोज़ वाला या फिर उबंटू?”…
“मुझे तो खुशदीप अंटल वाला चाहिए"…
“खुशदीप अंकल वाला?”…
“हाँ!…खुशदीप अंटल वाला"…
“लेकिन क्यों?”..
“उनका कंप्यूटर एकदम सोलिड है…इसलिए"…
“वो कैसे?”…
“वो पिछले सोलह साल से अपना कंप्यूटर तोड़ रहे हैं लेकिन वो इतना पक्का है कि टूटता ही नहीं"
मजेदार ..
वफादार कर्मचारी
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