मक्खन गुस्से में लाल-पीला हो रहा था..
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भाई के घर जाकर उसने अपनी भाभी को बहुत बुरा-भला कहना शुरू कर दिया...
सबने रोका लेकिन मक्खन का पारा नीचे आने का नाम ही नहीं ले रहा था...
ढक्कन को पता चला तो वो भी मक्खन का गुस्सा शांत करने के लिए पहुंच गया...
ढक्कन मक्खन को कोने में ले जाकर बोला...आखिर बता तो सही तुझे भाभी से गुस्सा किस बात का है...
मक्खन...क्या बताऊं...आजकल जिस किसी दोस्त को भी फोन पर बात करते देख कर पूछता हूं कि किससे बात कर रहा है, तो सभी का एक ही जवाब होता है...
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तेरी भाभी से....
2 टिप्पणियाँ:
हा हा हा....
Ha ha ha ...
आपको मुबारकबाद पेश करता हूं।
नारी के मुददों पर हर पहलू से विचार सदा से ही समय की मांग रही है।
...देखिए बड़े ब्लॉगर इस तरह गोल-मोल बात करके निकल लेते हैं और अपने प्रशंसकों का दायरा बढ़ाते चले जाते हैं और एक हम हैं कि हमेशा अपनी वही सोच सार्वजनिक कर देते हैं जो कि दिल में सोचते हैं और लोग बिदक कर भाग जाते हैं।
आप सलाह दीजिए कि क्या हम भी बड़े ब्लॉगर्स का रास्ता पकड़ लें ?
ब्लॉगर्स मीट वीकली
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