मक्खन ट्रेन पर यात्रा के लिए निकला...
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ट्रेन पर चढ़ा...वहां चेतावनी लिखी हुई थी...
बिना टिकट यात्रा करने वाले होशियार !
मक्खन....वाह वो होशियार...
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और हम टिकट लेने वाले क्या हैं...उल्लू के पट्ठे !...
3 टिप्पणियाँ:
lol....
अब देखते हैं कौन है जो उनको कुछ कह सके ?
अब हम आ गए हैं मैदान में ऐसे , जिससे सांप भी न मरे और लाठी भी टूट जाए.
जिस बात को रखना चाहो गुप्त
उसे मित्रां से भी रखो लुप्त
सो सॉरी बता न पाएंगे कि हैं कौन हम ?
परंतु कोई पहचान जाए तो इंकार हम न करेंगे !!!
http://www.museke.com/love_songs_playlist
:-)
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