मास्टर ने मक्खन के बेटे गुल्ली को बुलाकर मुहावरे की खाली जगह भरने को कहा...
नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली ..... को चली
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गुल्ली ने मुहावरा पूरा किया...
नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली.. टेढ़ी-मेढ़ी.. चली
ये सुनकर मास्टर ने गुल्ली के झन्नाटेदार जड़ा...नालायक इतना आसान सा मुहावरा भी नहीं आता...
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गुल्ली...मास्टर जी ये तो आपका लिहाज़ कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे मास्टर हो...वरना बिल्ली नौ सौ चूहे खाकर चल तो क्या हिल भी नहीं सकती, मैंने तो फिर भी टेढ़ी-मेढ़ी चला दी...
3 टिप्पणियाँ:
gulli ne sahi jabab diya
बढिया जवाब है।
ye hai presence of mind!!
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