मक्खन का पठान दोस्त अपनी बीवी की कब्र पर पंखा चलाते हुए ज़ोर जोर से रो रहा था...
मक्खन ने हमदर्दी जताई और पूछा....इतनी मुहब्बत पठान साहब...क्या बात है...
पठान... ओ गोचे...क्या बताती...उसने कहा था...मेरी कब्र की मिट्टी सूखने के बाद ही दूसरा निकाह करना...
मक्खन...ओह ये बात है...
पठान....ओह नहीं ये बात नहीं होती....बात तो ये होती कि.....
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मैं तो उस खबीस का बच्चा को ढ़ूढती जो रोज़ यहां दो बाल्टी पानी डाल जाती...
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